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Published 20:09 IST, December 20th 2024

अजमेर दरगाह में मंदिर मामले को लेकर हुई सुनवाई, कोर्ट ने 24 जनवरी को दी अगली तारीख

अजमेर दरगाह में मंदिर होने के दावे को लेकर आज सिविल कोर्ट में दूसरी बार सुनवाई हुई। कोर्ट ने अगली तारीख 24 जनवरी दी है।

Reported by: Digital Desk
Edited by: Deepak Gupta
Ajmer Dargah-Mandir Case | Image: PTI

Ajmer: अजमेर दरगाह में मंदिर होने के दावे को लेकर आज सिविल कोर्ट में दूसरी बार सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता और दूसरे पक्षों के वकीलों की दलील सुनकर फैसले की अगली तारीख 24 जनवरी दी है।

अजमेर ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में मंदिर होने के दावे के मामले में शुक्रवार को न्यायालय में सुनाई हुई। अजमेर दरगाह को लेकर पांच प्रतिवादियों ने इस मामले में प्रतिवादी बनने को लेकर न्यायालय में अर्जी दाखिल की है। अजमेर दरगाह में मंदिर होने के दावे को लेकर सिविल कोर्ट में दूसरी बार सुनवाई हुई। कोर्ट ने याचिकाकर्ता और दूसरे पक्षों के वकीलों की दलील सुनकर फैसले की अगली तारीख 24 जनवरी दी है।

दोनों पक्षों ने कोर्ट में अपने-अपने पक्ष रखे

अजमेर सिविल कोर्ट ने अल्पसंख्यक मंत्रालय, दरगाह कमेटी अजमेर और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को नोटिस भेजा था। कोर्ट में अंजुमन कमेटी, दरगाह दीवान सैयद जैनुअल अली आबेदीन, गुलाम दस्तगीर अजमेर, और राज जैन होशियारपुर पंजाब ने अपने आप को पक्षकार बनाने की अर्जी लगाई। इसके साथ ही दरगाह कमेटी के वकील अशोक माथुर ने याचिका को खारिज करने की अर्जी लगाई। वहीं, विष्णु गुप्ता और अंजुमन कमेटी के वकीलों ने अपने-अपने पक्ष रखे।

सर्वे का आदेश होगा और दूध का दूध हो जाएगा- वादी हिंदू पक्ष

दरगाह दीवान के पुत्र नसीरुद्दीन चिश्ती भी कोर्ट पहुंचे। उन्होंने कहा कि हम ख्वाजा साहब के वंशज हैं। हमें भी पक्षकार बनाया जाना चाहिए था। हमने कोर्ट में अपना पक्ष रखा और पक्षकार बनाने की अर्जी लगाई। वहीं, अजमेर दरगाह में मंदिर होने का दावा करने वाले विष्णु गुप्ता ने कहा कि कोर्ट में वर्शिप एक्ट को लेकर बहस हुई थी, जिसमें हमारे वकील वरुण कुमार सिन्हा ने कहा कि दरगाह वरशिप एक्ट में नहीं आती है। इसके अलावा ASI सर्वे की मांग की एप्लीकेशन को मंजूर करने को लेकर भी अपनी बात रखी है। मुझे उम्मीद है कि ऑर्डर हमारे पक्ष में आएगा। सर्वे का आदेश होगा और दूध का दूध हो जाएगा।

पांच और लोगों ने लगाई पक्षकार बनाने की अर्जी, हिंदू पक्ष ने किया विरोध

बता दें कि अजमेर सिविल कोर्ट में सुनवाई के लिए सभी पक्ष सुबह 11 बजे कोर्ट पहुंचे थे। इसके बाद कोर्ट में एक एक करके सभी पक्षों ने अपनी बात रखी। विष्णु गुप्ता के वकील ने कोर्ट में कहा कि इस मामले में अन्य किसी को पक्षकार न बनाया जाए। हालांकि, कोर्ट में पांच और लोगों ने दरगाह की तरफ से उन्हें पक्षकार बनाने के लिए याचिका दाखिल की है। दरगाह की ओर से खादिमों की संस्था अंजुमन सैयद जादगान कमेटी, दरगाह दीवान सैयद जैनुअल अली आबेदीन, खादिम गुलाम दस्तगीरअजमेर, बेंगलुरु के अधिवक्ता इमरान और सर्व धर्म ख्वाजा मंदिर समिति पंजाब के राज जैन ने पक्षकार बनने की अर्जी लगाई है।

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Updated 20:09 IST, December 20th 2024

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