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Published 21:31 IST, August 31st 2024

गुजरात हाईकोर्ट ने दुष्कर्म मामले में सजा निलंबित करने की आसाराम की याचिका खारिज की

गुजरात हाईकोर्ट ने जेल में बंद स्वयंभू संत आसाराम की याचिका खारिज कर दी, जिसमें 2013 के दुष्कर्म मामले में मिली सजा को निलंबित करने का अनुरोध किया था।

आसाराम | Image: PTI

गुजरात उच्च न्यायालय ने जेल में बंद स्वयंभू संत आसाराम द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 2013 के बलात्कार मामले में मिली सजा को निलंबित करने का अनुरोध किया गया था। अदालत ने कहा है कि आवेदन पर विचार करने के लिए कोई ‘‘असाधारण आधार’’ नहीं है।

वर्ष 2023 में गांधीनगर की एक अदालत ने मामले में आसाराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। न्यायमूर्ति इलेश वोरा और न्यायमूर्ति विमल व्यास की पीठ ने सजा को निलंबित करने और उसे जमानत देने से इनकार करते हुए बृहस्पतिवार को कहा कि यहां राहत का कोई मामला नहीं बनता।

जनवरी 2023 में सत्र न्यायालय ने 2013 के बलात्कार मामले में आसाराम को दोषी ठहराया, जो अपराध के समय गांधीनगर के पास उसके आश्रम में रहने वाली एक महिला द्वारा दायर किया गया था।

आसाराम वर्तमान में एक अन्य बलात्कार मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है। उच्च न्यायालय ने कहा कि आसाराम की अपील के निपटारे में संभावित देरी, उसकी उम्र और चिकित्सा स्थिति के बारे में उसकी दलीलें राहत देने के लिए प्रासंगिक नहीं थीं। अदालत ने साबरमती आश्रम में दो लड़कों की कथित हत्या और गवाहों तथा पीड़ितों के रिश्तेदारों पर हमलों सहित पूर्व की घटनाओं पर भी विचार किया।
 

(Note: इस भाषा कॉपी में हेडलाइन के अलावा कोई बदलाव नहीं किया गया है)

Updated 21:31 IST, August 31st 2024

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