Published 13:34 IST, July 22nd 2024

वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने आर्थिक सर्वे पेश किया, जानिए 2024-25 में कितनी रहेगी GDP ग्रोथ रेट

476 पन्नों के आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज में अनुमान लगाया गया है कि भारत की जीडीपी की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रह सकती है।

Reported by: Digital Desk
Follow: Google News Icon
  • share
Finance Minister Nirmala Sitharaman | Image: ANI
Advertisement

Economic Survey 2023-24: 1964 से चली आ रही परंपरा के हिसाब से देश का आर्थिक सर्वेक्षण जारी कर दिया गया है। केंद्रीय बजट से ठीक एक दिन पहले सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारणण ने संसद में आर्थिक सर्वेक्षण को पटल पर रखा। आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में अनुमान लगाया गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है और लगातार इसका विस्तार जारी है। अनुमान ये भी लगाया गया है कि वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की जीडीपी की वृद्धि दर वित्त वर्ष 2024-25 में 6.5 से 7 प्रतिशत के बीच रह सकती है।

476 पन्नों के आर्थिक सर्वेक्षण दस्तावेज ने शुरुआत में कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने कोविड के बाद की रिकवरी को मजबूत किया है, जिसमें नीति निर्माताओं (राजकोषीय और मौद्रिक) ने आर्थिक और वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित की है। हालांकि, वैश्विक अस्थिरता का संकेत देते हुए सर्वेक्षण दस्तावेज में जोर दिया गया है कि हाई ग्रोथ एस्पिरेशंस वाले देश के लिए परिवर्तन ही एकमात्र स्थिरता है। सर्वेक्षण में कहा गया है, 'इसे कायम रखने के लिए घरेलू मोर्चे पर कड़ी मेहनत करनी होगी, क्योंकि व्यापार, निवेश और जलवायु जैसे प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर सहमति बनाना असाधारण रूप से कठिन हो गया है।'

Advertisement

2024-25 में वृद्धि दर में कमी का अनुमान

वित्त वर्ष 2024-25 के लिए अनुमानित वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अनुमानित 8.2 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर से कम है। भारतीय रिजर्व बैंक ने 31 मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।

'मुद्रास्फीति दर काफी हद तक नियंत्रण में'

सर्वेक्षण दस्तावेज के अनुसार वित्त वर्ष 2024 में हाई इकोनॉमिक ग्रोथ पिछले दो वित्तीय वर्षों में 9.7 प्रतिशत और 7.0 प्रतिशत की वृद्धि दर के बाद आई है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि मुख्य मुद्रास्फीति दर काफी हद तक नियंत्रण में है, हालांकि कुछ चीजों की मुद्रास्फीति दर अधिक है। वित्त वर्ष 2024 में व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2023 की तुलना में कम था और चालू खाता घाटा सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 0.7 प्रतिशत है।

Advertisement

यह भी पढ़ें: 'ढाई घंटे तक प्रधानमंत्री का गला...' बजट सत्र से पहले विपक्ष पर गुस्सा हुए मोदी
 

13:34 IST, July 22nd 2024