Published 21:38 IST, August 30th 2024
दिल्ली की अदालत ने रिश्वतखोरी मामले में सुकेश चंद्रशेखर को जमानत दी
Delhi: न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि चंद्रशेखर की सात साल से अधिक हिरासत अनिवार्य रिहाई को आवश्यक बना देती है।
New Delhi: दिल्ली की एक अदालत ने अन्नाद्रमुक के ‘दो पत्ती’ वाले चुनाव चिह्न से संबंधित रिश्वतखोरी के एक मामले में कथित ठग सुकेश चंद्रशेखर को शुक्रवार को जमानत दे दी।
अदालत ने कहा कि चंद्रशेखर उस अपराध के लिए निर्धारित अधिकतम जेल की सजा से अधिक अवधि हिरासत में काट चुका है जिसका उस पर आरोप है। विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने पांच लाख रुपये के निजी मुचलके पर सुकेश को राहत दी।
रिश्वत देने का प्रयास करने का आरोप
चंद्रशेखर पर अन्नाद्रमुक नेता टी टी वी दिनाकरन के लिए बिचौलिए के रूप में काम करने और वी के शशिकला के नेतृत्व वाले पार्टी के गुट के लिए ‘दो पत्तियों’ वाला चुनाव चिह्न हासिल करने की मंशा से भारत निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी को रिश्वत देने का प्रयास करने का आरोप है।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, आरोपी के पास से 1.3 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे, जिसका कथित तौर पर अन्नाद्रमुक के शशिकला गुट के पक्ष में चुनाव चिह्न का आवंटन कराने के लिए निर्वाचन आयोग पर अनुचित प्रभाव डालने के लिए इस्तेमाल किया जाना था।
हालांकि, चंद्रशेखर अपने खिलाफ दर्ज अन्य लंबित मामलों में जेल में रहेगा।
जज ने क्या कहा?
न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा कि चंद्रशेखर की सात साल से अधिक हिरासत अनिवार्य रिहाई को आवश्यक बना देती है।
उन्होंने कहा, ‘‘आरोपी को कारावास की अधिकतम अवधि से अधिक हिरासत में रखा गया है और उसकी रिहाई पर कानून द्वारा कोई प्रतिबंध नहीं लगाया गया है।’’
न्यायाधीश ने कहा कि कानून की न्यायिक व्याख्या “अनिवार्य रूप से पुलिस राज्य के विरुद्ध सुरक्षा कवच होनी चाहिए।”
Updated 21:38 IST, August 30th 2024