Published 22:59 IST, October 18th 2024
दिल्ली सरकार ने 13 स्थानों पर प्रदूषण नियंत्रण के लिए ‘समितियां’ बनाईं
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि बहुत खराब वायु गुणवत्ता वाले 13 स्थानों पर प्रदूषण कम करने के लिए समन्वय समितियों का गठन किया।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने शहर में ‘‘बहुत खराब’’ वायु गुणवत्ता वाले 13 स्थानों पर प्रदूषण के स्थानीय स्रोतों की पहचान करने और उन्हें कम करने के लिए समन्वय समितियों का गठन किया है।
राय ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि पूरी दिल्ली ‘खराब’ हवा में सांस ले रही है, लेकिन 13 ‘हॉटस्पॉट’ में वायु की गुणवत्ता बहुत खराब’ है, जहां एक्यूआई 300 को पार कर गया है।
‘हॉटस्पॉट’ ऐसे क्षेत्र हैं, जहां प्रदूषण का स्तर अधिक है।
इन 13 स्थानों में नरेला, बवाना, मुंडका, वजीरपुर, रोहिणी, आर के पुरम, ओखला, जहांगीरपुरी, आनंद विहार, पंजाबी बाग, मायापुरी और द्वारका सेक्टर-8 शामिल हैं।
एक बयान में कहा गया है कि एक बैठक में राय ने अधिकारियों को प्रदूषण संबंधी सभी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया।
राय ने कहा कि समितियों का नेतृत्व दिल्ली नगर निगम के उपायुक्त करेंगे।
उन्होंने कहा कि सभी ‘हॉटस्पॉट’ पर डीपीसीसी इंजीनियर को भी तैनात किया गया है और वे ‘पॉल्यूशन वॉर रूम’ को दैनिक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
उन्होंने कहा कि 13 ‘हॉटस्पॉट’ पर 300 से अधिक वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के लिए धूल कणों को प्रमुख कारकों में से एक के रूप में पहचाना गया है। उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में हवा में धूल कणों को कम करने के लिए 80 मोबाइल ‘एंटी-स्मॉग गन’ तैनात की गई हैं।
राय ने एक ‘हॉटस्पॉट’ में प्रदूषण के कारणों पर कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश से आने वाली बीएस-3 और बीएस-4 डीजल बसों के साथ-साथ एनसीआरटीसी का निर्माण कार्य आनंद विहार में प्रदूषण का सबसे बड़ा कारण है।’’
Updated 22:59 IST, October 18th 2024