Published 23:06 IST, October 18th 2024
उत्तराखंड में 12 हजार फुट की ऊंचाई पर फंसे सीईसी ने नूडल और मेवे खाकर किया गुजारा
उत्तराखंड में 12,000 फुट की ऊंचाई पर लगभग शून्य डिग्री सेल्सियस तापमान में 17 घंटे तक फंसे रहना एक ऐसा अनुभव था जिसे CEC राजीव कुमार शायद जीवन भर नहीं भूलेंगे।
उत्तराखंड के एक निर्जन गांव में 12,000 फुट की ऊंचाई पर लगभग शून्य डिग्री सेल्सियस तापमान में 17 घंटे तक फंसे रहना एक ऐसा अनुभव था जिसे मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार शायद जीवन भर नहीं भूल पाएंगे।
कुमार बुधवार दोपहर पिथौरागढ़ क्षेत्र के कुछ दूरदराज के मतदान केंद्रों का दौरा करने के लिए मिलम जा रहे थे, तबी घने बादलों और खराब दृश्यता के कारण उनके हेलीकॉप्टर को मुनस्यारी से लगभग 42 किलोमीटर दूर रालम गांव में आपात स्थिति में उतारा गया।
रालम में केवल गर्मियों के दौरान ही लोग रहते हैं, क्योंकि शुरू हो चुकी भीषण सर्दी के दौरान यहां के निवासी निचले इलाकों में चले जाते हैं।
भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के सूत्रों ने बताया कि कुमार ने अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे, हेलीकॉप्टर के पायलट और निर्वाचन आयोग के कर्मचारी के साथ शाम पांच बजे तक एक खेत में घंटों इंतजार किया, उसके बाद बेंगलुरु से आए दो पर्वतरोहियों ने फंसे हुए दल को देखा।
दोनों पर्वतरोहियों ने उन्हें खाने के लिए नूडल्स और सूखे मेवे दिए, एक खाली मकान के दरवाजे खोले और उनके लिए अलाव जलाया ताकि वे बिना किसी रजाई या पर्याप्त गर्म कपड़ों के ठंड के बीच रात बिता सकें।
पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी विनोद गिरीश गोस्वामी ने कहा, ‘‘सीईसी ने हमें बुधवार अपराह्न करीब एक बजे उनके हेलीकॉप्टर की आपातकालीन लैंडिंग के बारे में सूचित किया। उन्होंने यह भी बताया कि वे सभी सुरक्षित हैं। हमने तुरंत मिलम और लीलम में आईटीबीपी चौकियों को सूचना दी और जवानों को उस स्थान पर पहुंचने के लिए कहा, जहां हेलीकॉप्टर ने आपातकालीन लैंडिंग की थी।’’
गोस्वामी ने बताया कि इस बीच, आसपास के ग्रामीणों को भी रालम में हेलीकॉप्टर उतरने की जानकारी मिल गई, जिसके बाद पाटो गांव के प्रधान ईश्वर सिंह नबियाल अन्य लोगों के साथ आठ किलोमीटर की दूरी तय करके वहां पर पहुंचे।
अधिकारी ने कहा, ‘‘बुधवार देर रात करीब एक बजे नबियाल सबसे पहले मौके पर पहुंचे। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य लोगों को सूखे मेवे भी दिए, जो वे अपने साथ लाए थे।’’
आखिरकार, बृहस्पतिवार सुबह करीब पांच बजे आईटीबीपी की टीम जीवन रक्षक दवाओं और भोजन लेकर मौके पर पहुंचीं।
गोस्वामी ने बताया कि उन्होंने फंसे हुए दल के लिए चाय भी बनाई, जिसके बाद सीईसी और अन्य लोग सुबह करीब छह बजे मुनस्यारी के लिए रवाना हो गए।
उन्होंने बताया कि मुनस्यारी स्थित आईटीबीपी विश्राम गृह में कुछ देर आराम करने के बाद कुमार नयी दिल्ली के लिए रवाना हो गए।
नाबियाल ने बताया कि मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने आपातकालीन स्थिति में मदद करने के लिए स्थानीय लोगों की प्रशंसा की और कहा कि देवभूमि के लोग स्वभाव से मददगार होते हैं।
Updated 23:06 IST, October 18th 2024