Published 21:36 IST, February 16th 2024
भारत बंद का असर: सड़कों से नदारद रहीं बसें, किसानों ने दिल्ली-देहरादून राजमार्ग पर किया प्रदर्शन
Bharat Bandh: किसानों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन किया और पठानकोट, तरनतारन, बठिंडा और जालंधर में राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया।
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Punjab News: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को स्वीकार करने को लेकर सरकार पर दबाव बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के ‘भारत बंद’ आह्वान के मद्देनजर शुक्रवार को पंजाब में सड़कों से बसें नदारद रहीं, जिसके चलते यात्रियों को काफी असुविधा हुई।
हालांकि हरियाणा में बंद के आह्वान का मिला-जुला असर देखने को मिला, लेकिन पंजाब में कई स्थानों पर बाजार और व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे।
अधिकारियों ने बताया कि बंद शांतिपूर्ण रहा।
किसानों ने कई स्थानों पर प्रदर्शन किया और पठानकोट, तरनतारन, बठिंडा और जालंधर में राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर दिया। उन्होंने उनकी मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
हरियाणा के हिसार में, हरियाणा रोडवेज के कर्मचारियों ने ‘भारत बंद’ का समर्थन किया, जिसके चलते बस सेवाएं ठप रहीं। रोडवेज कर्मचारियों ने बस अड्डा परिसर में प्रदर्शन किया और अपनी मांगों के समर्थन में नारे लगाये।
बंद के आह्वान का कुरूक्षेत्र में कोई असर नहीं हुआ। दुकानें और बाजार खुले रहे और बसों का संचालन भी जारी रहा।
इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (चढ़ूनी) के सदस्यों ने हरियाणा के कई टोल प्लाजा पर धरना दिया और अधिकारियों को यात्रियों से पथकर नहीं वसूलने दिया।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भी विरोध प्रदर्शन किये गये। भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने मुजफ्फरनगर में दिल्ली-देहरादून राष्ट्रीय राजमार्ग पर बागोवाली क्रॉसिंग पर किये गये विरोध प्रदर्शन में भाग लिया।
भाकियू नेता राकेश टिकैत ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने, ऋण माफी आदि मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।’’
दिल्ली कूच की योजना को लेकर पूछे गये सवाल पर टिकैत ने कहा, ‘‘ शनिवार को सिसौली (मुजफ्फरनगर) में एक बैठक की जाएगी, जहां भविष्य की रणनीति की योजना बनाई जाएगी।’’
भाकियू सदस्यों ने बिजनौर में कुछ गन्ने के वजन मापने वाले केंद्रों पर कामकाज को रुकवा दिया।
बागपत में भाकियू सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया। भाकियू के जिला अध्यक्ष प्रताप सिंह गुर्जर ने कहा, ‘‘बंद के समर्थन में वंदना चौक पर प्रतीकात्मक विरोध का आह्वान किया गया था। किसानों ने आह्वान का समर्थन किया और वे गन्ना खरीद केंद्रों पर नहीं गए।’’
शाहजहांपुर, बदायूं और मेरठ में बंद का कोई असर नहीं दिखा।
भाकियू (राजेवाल), भाकियू (दकुंडा), भाकियू (लाखोवाल), भाकियू (कादियान) और कीर्ति किसान यूनियन सहित कई किसान संगठन बंद में हिस्सा ले रहे हैं।
पंजाब रोडवेज, पनबस और ‘पीआरटीसी कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स यूनियन’ भी संयुक्त किसान मोर्चा के बंद के आह्वान का समर्थन कर रहे हैं। वे केंद्र के प्रस्तावित ‘‘हिट-एंड-रन’’ कानून का विरोध कर रहे हैं।
निजी बस संचालक भी अपनी सेवा नहीं दे रहे हैं।
कई बस अड्डों पर यात्री अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए बसों का इंतजार करते दिखे। बसों की अनुपलब्धता के कारण मुख्य रूप से छात्रों और कार्यालय जाने वालों को असुविधा हुई।
पटियाला बस स्टैंड पर कॉलेज छात्रों ने कहा कि उसे लांडरां रोड जाने के लिए कोई बस नहीं मिली। एक सरकारी कर्मचारी ने कहा कि उसे काम के लिए मोहाली जाना था लेकिन कोई बस उपलब्ध नहीं है।
अमृतसर बस स्टैंड पर जालंधर जाने के लिए खड़ी एक महिला यात्री ने कहा कि वह 30 मिनट से अधिक समय से बस का इंतजार कर रही है।
जीरा की रहने वाली सतबीर कौर (32) ने कहा कि वह बंद के कारण अपने कार्यालय नहीं जा सकीं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं हर दिन जीरा से फिरोजपुर तक यात्रा करती हूं लेकिन आज कोई बस उपलब्ध नहीं थी इसलिए मुझे छुट्टी लेनी पड़ी।’’
फिरोजपुर में अधिकतर शैक्षणिक संस्थान एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे और बाजार सुनसान दिखे।
प्रदर्शनकारी किसानों ने फिरोजपुर-फाजिल्का रोड पर स्थित गोलू का मौर गांव, मक्खू क्षेत्र में एनएच-54 पर बंगाली वाला पुल और तलवंडी भाई अंडरब्रिज समेत विभिन्न स्थानों पर सड़कें अवरुद्ध कर दीं।
सब्जी मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक पसरीचा ने कहा कि व्यापारियों को इस महत्वपूर्ण समय में किसानों का समर्थन करना चाहिए क्योंकि अधिकांश व्यवसाय किसानों पर निर्भर है।
उन्होंने कहा, ‘‘ किसानों के समर्थन में आज सभी दुकानें बंद हैं।’’
मान्यता प्राप्त एवं संबद्ध स्कूल एसोसिएशन (आरएएसए) के अध्यक्ष नरिंदर सिंह केसर ने कहा कि स्कूल बंद हैं और केवल वार्षिक परीक्षा दे रहे कक्षा 10 और 12 के छात्र स्कूल आ रहे हैं।
भाकियू (राजेवाल) के जिला अध्यक्ष हरबंस सिंह ने कहा कि किसानों का इरादा किसी को परेशान करना नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम अपने अधिकारों के लिए लड़ रहे हैं।’’
लुधियाना में, समराला और खन्ना जगराओं में बस स्टैंड खाली दिखायी दिए। भाकियू (राजेवाल) के अध्यक्ष बलबीर सिंह राजेवाल ने समराला में टोल प्लाजा पर धरना दिया।
अमृतसर में, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा संचालित शैक्षणिक संस्थान बंद रहे क्योंकि शीर्ष गुरुद्वारा निकाय ने बंद के आह्वान का समर्थन किया। कई दुकानें भी बंद रहीं।
बंद के आह्वान पर होशियारपुर में खेलन, बजवाड़ा, टांडा, गढ़दीवाला, चब्बेवाल, भंगाला और तलवाड़ा सहित कई स्थानों पर बाजार बंद रहे।
विभिन्न किसान संगठनों के सदस्यों ने जालंधर-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर हाजीपुर चौक, दसूया, बिजली घर चौक, टांडा और माता रानी चौक, मुकेरियां सहित जिले भर में लगभग सभी प्रमुख सड़कों और राजमार्गों पर विरोध प्रदर्शन किया और वाहनों की आवाजाही को अवरुद्ध कर दिया।
एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी के अलावा, किसान कृषकों के कल्याण के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन तथा कर्ज माफी, लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए ‘‘न्याय’’, भूमि अधिग्रहण अधिनियम 2013 को बहाल करने और पिछले आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की भी मांग कर रहे हैं।
Updated 21:36 IST, February 16th 2024