Published 13:46 IST, November 22nd 2024

खरगे के बाद अब नड्डा ने लिखी राष्ट्रपति को चिट्ठी, मणिपुर हिंसा पर झूठ फैलाने का लगाया आरोप

भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मणिपुर के मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप का अनुरोध करने और केंद्र पर संकट को दूर करने में नाकाम रहने का आरोप लगाने को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे पर शुक्रवार को पलटवार किया।

Follow: Google News Icon
  • share
JP Nadda | Image: PTI
Advertisement

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा ने मणिपुर के मामले में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से हस्तक्षेप का अनुरोध करने और केंद्र पर संकट को दूर करने में नाकाम रहने का आरोप लगाने को लेकर मल्लिकार्जुन खरगे पर शुक्रवार को पलटवार किया। उन्होंने कांग्रेस पर मणिपुर में अशांति के मुद्दे को लेकर ‘‘गलत, झूठा और राजनीति से प्रेरित’’ विमर्श पैदा करने का आरोप लगाया। नड्डा ने खरगे के आरोपों का जवाब देते हुए दावा किया कि मणिपुर में सत्ता में रहने के दौरान स्थानीय मुद्दों से निपटने में कांग्रेस के ‘‘पूरी तरह विफल रहने’’ के दुष्परिणाम आज भी महसूस किए जा रहे हैं।

उन्होंने खरगे से कहा कि सबसे अधिक चौंकाने वाली बात यह है कि कांग्रेस मणिपुर की स्थिति को सनसनीखेज बनाने का बार-बार प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि खरगे यह भूल गए हैं कि उनकी सरकार ने भारत में विदेशी उग्रवादियों के अवैध प्रवास को न केवल वैध बनाया था बल्कि तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने उनके साथ संधियों पर भी हस्ताक्षर किए थे। नड्डा ने आरोप लगाया कि गिरफ्तारी से बचने के लिए अपने देश से भागने वाले इन ज्ञात उग्रवादी नेताओं को अस्थिरता पैदा करने के उनके प्रयासों को जारी रखने के लिए पूरे दिल से समर्थन और प्रोत्साहन दिया गया।

Advertisement

उन्होंने कहा, ‘‘आपकी सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत की सुरक्षा और प्रशासनिक प्रोटोकॉल की यह पूर्ण विफलता इस बात का प्रमुख कारण है कि उग्रवादी एवं आदतन हिंसक संगठन मणिपुर में कड़ी मेहनत से हासिल हुई शांति को नष्ट करने और इसे अराजकता के युग में कई दशक पीछे धकेलने का प्रयास कर रहे हैं।’’ नड्डा ने कहा कि कांग्रेस के विपरीत, भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार किसी भी कीमत पर ऐसा नहीं होने देगी।

केंद्र सरकार लोगों की सुरक्षा के लिए काम कर रही हैं-नड्डा

उन्होंने कहा कि केंद्र और मणिपुर की सरकारें शुरुआती हिंसा के बाद से ही स्थिति को स्थिर करने और लोगों की सुरक्षा के लिए काम कर रही हैं। नड्डा ने कहा कि पूरी सरकारी मशीनरी मणिपुर में शांति और सद्भाव वापस लाने के लिए समर्पित है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भाजपा समस्या को शीघ्र सुलझाने के लिए प्रतिबद्ध है और हिंसा की घटनाओं की जांच राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) कर रहा है जो देश की ‘‘सबसे कुशल एजेंसियों में से एक’’ है।नड्डा ने कहा कि उन्हें सरकार के खिलाफ गलत, झूठे और राजनीति से प्रेरित उस विमर्श का जवाब देना आवश्यक लगा जिसे खरगे के शब्द छुपाने में विफल रहे हैं।

Advertisement

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि खरगे और उनकी पार्टी ने 90 के दशक की शुरुआत में और संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पूर्व सरकार के कार्यकाल में इसी तरह की घटनाओं के दौरान केंद्र और राज्य दोनों में कांग्रेस सरकारों द्वारा अपनाई गई गलत रणनीतियों और सरकारी मशीनरी के पूरी तरह विफल रहने की बात को आसानी से भुला दिया है। नड्डा ने दावा किया कि मोदी सरकार के कार्यकाल में पूर्वोत्तर में हर क्षेत्र में व्यापक बदलाव देखने को मिला है, चाहे वह अर्थव्यवस्था हो, सुरक्षा हो, स्वास्थ्य सेवा हो, शिक्षा हो या विकास के अवसरों तक पहुंच हो। उन्होंने कहा कि लोगों ने कांग्रेस और उसके सहयोगियों के झूठे वादों के बजाय डबल इंजन वाली राजग सरकार की स्थिरता पर बार-बार भरोसा जताकर इसके काम का समर्थन किया है।

राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश में कांग्रेस

नड्डा ने कहा, ‘‘10 से अधिक ऐतिहासिक शांति समझौतों से लेकर अभूतपूर्व संपर्क सुविधा तक अनेक कार्य करके हमारी सरकारें वास्तव में पूर्वोत्तर के लोगों को करीब ला रही हैं।’’उन्होंने कहा कि अकेले मणिपुर में बहुआयामी गरीबी से पीड़ित लोगों का प्रतिशत 2013 के 20 प्रतिशत से घटकर 2022 में करीब पांच प्रतिशत रह गया है ।नड्डा ने खरगे से कहा, ‘‘इसके बावजूद आप और आपकी पार्टी ने इन घटनाक्रमों को नजरअंदाज करते हुए राजनीतिक लाभ उठाने और अपने नापाक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पूर्वोत्तर और उसके लोगों का इस्तेमाल करने का विकल्प चुना। मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि कांग्रेस के पूर्व शासन में मणिपुर ने इतिहास के सबसे खूनी दौर को देखा है।’’

Advertisement

उन्होंने कहा कि 90 के दशक के काले दौर में बड़े पैमाने पर हिंसा के कारण हजारों लोग मारे गए और लाखों लोग विस्थापित हुए। उन्होंने कहा कि इसके अलावा केवल 2011 में मणिपुर में 120 दिन से अधिक समय तक पूर्ण नाकाबंदी देखी गई। उन्होंने कहा कि पेट्रोल और एलपीजी की कीमत देश के बाकी हिस्सों की तुलना में लगभग चार गुना अधिक थीं और हर दिन सरकारी खजाने को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में हजारों फर्जी मुठभेड़ें हुई थीं। नड्डा ने कहा कि ‘‘भारत की प्रगति को पटरी से उतारने की चाहत रखने वाली विदेशी ताकतों के गठजोड़ को समर्थन देने और प्रोत्साहित करने का कांग्रेस नेताओं का यह तरीका’’ वास्तव में चिंताजनक है।

नड्डा ने खरगे के सवाल पर दिया करारा जवाब

उन्होंने कहा, ‘‘इन व्यक्तियों के दुर्भावनापूर्ण इरादों को पहचानने में विफल रहने के परिणामस्वरूप आपकी पार्टी अक्सर उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलती नजर आती है।’’नड्डा ने कहा, ‘‘क्या इस विफलता का कारण यह है कि कांग्रेस सत्ता की लालसा के कारण इसे समझ नहीं पा रही या यह लोगों को विभाजित करने और हमारे लोकतंत्र को दरकिनार करने की सोच-समझकर तैयार की गई रणनीति का हिस्सा है। हमारे देश को यह जानने का हक है।’’नड्डा ने खरगे को इस साल की शुरुआत में मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर संसद में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के दौरान कांग्रेस द्वारा किए गए ‘‘अपमानजनक और गैरजिम्मेदाराना व्यवहार’’ की भी याद दिलाई।

Advertisement

नड्डा ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को लिखी चिट्ठी

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि वह मणिपुर के मामले में तत्काल हस्तक्षेप करें ताकि राज्य के लोगों की जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर हिंसा रोकने तथा सामान्य स्थिति बहाल करने में पूरी तरह विफल रहने का आरोप भी लगाया था और दावा किया था कि प्रदेश की जनता अब इन दोनों सरकारों में विश्वास खो चुकी है। मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा होने के बाद खरगे ने राष्ट्रपति को दो पृष्ठों का पत्र लिखा। उन्होंने लिखा था, ‘‘देश को असाधारण रूप से गंभीर त्रासदी झेलनी पड़ी है। पिछले 18 महीनों से मणिपुर में अभूतपूर्व उथल-पुथल के कारण महिलाओं, बच्चों सहित 300 से अधिक लोगों की जान चली गई है। इस त्रासदी ने लगभग एक लाख लोगों को आंतरिक रूप से विस्थापित कर दिया है। लोगों की पीड़ा लगातार बनी हुई है।’’

यह भी पढ़ें: ज्ञानवापी केस में SC ने मुस्लिम पक्ष को जारी किया नोटिस, मांगा जवाब

13:46 IST, November 22nd 2024