Published 22:17 IST, October 18th 2024
टैरिफ लगाने के टीडीसैट के आदेश के खिलाफ एईआरए की अपील विचारणीय: SC
SC ने कहा कि वैमानिकी शुल्कों को नियंत्रित करने वाले AERA दूरसंचार विवाद निपटान और टीडीसैट के आदेशों के खिलाफ अपील दायर कर सकता है।
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वैमानिकी शुल्कों को नियंत्रित करने वाले हवाईअड्डा आर्थिक विनियामक प्राधिकरण (एईआरए) दूरसंचार विवाद निपटान और अपीलीय न्यायाधिकरण (टीडीसैट) के आदेशों के खिलाफ अपील दायर कर सकता है।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने कहा कि टीडीसैट के आदेश के खिलाफ एईआरए द्वारा दायर अपील विचारणीय है। अपील में कहा गया था कि प्राधिकरण ग्राउंड और कार्गो हैंडलिंग सेवाओं पर शुल्क नहीं लगा सकता।
शीर्ष अदालत ने कहा कि एईआरए का यह वैधानिक कर्तव्य है कि वह कई कारकों पर विचार करके शुल्क को विनियमित करे, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हवाईअड्डों को जनता के हितों से समझौता किए बिना आर्थिक रूप से व्यवहार्य तरीके से चलाया जाए।
पीठ ने निर्देश दिया, "जब प्राधिकरण, एईआरए अधिनियम की धारा 13(1)(ए) के अनुसार वैमानिकी सेवाओं के लिए शुल्क निर्धारित करता है, तो वह एक विनियामक और एक इच्छुक पक्ष के रूप में कार्य कर रहा होता है। उसका हित यह सुनिश्चित करने में निहित है कि जनहित की चिंताओं को विधिवत संरक्षित किया जाए। इस प्रकार, ईएआरए, टीडीसैट के समक्ष अपने शुल्क आदेश के विरुद्ध अपील में एक आवश्यक पक्ष है और उसे प्रतिवादी के रूप में पक्षकार बनाया जाना चाहिए।’’
शीर्ष अदालत ने कहा कि एईआरए को उसके आदेश के विरुद्ध अपील में प्रतिवादी के रूप में पक्षकार बनाया जा सकता है, भले ही क़ानून में ऐसा प्रावधान न हो।
इसने कहा कि इस शक्ति को कानून द्वारा प्राधिकरण को प्रदान की गई भूमिका के आधार पर आवश्यक निहितार्थ द्वारा पढ़ा जा सकता है।
टीडीसैट ने अपने आदेश में माना था कि एईआरए के पास ग्राउंड और कार्गो हैंडलिंग जैसी सेवाओं पर शुल्क लगाने का अधिकार नहीं है।
न्यायाधिकरण ने पहले माना था कि ग्राउंड और कार्गो हैंडलिंग को एईआरए अधिनियम, 2008 के तहत "गैर-वैमानिक सेवाओं" में वर्गीकृत किया जा सकता है।
टीडीसैट का आदेश 13 जनवरी, 2023 को दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड और मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड द्वारा दायर एक याचिका पर आया था, जिसमें शुल्क के मुद्दे पर एईआरए द्वारा संचार को चुनौती दी गई थी।
शीर्ष अदालत ने अपनी रजिस्ट्री को अपील के गुण-दोष के आधार पर निर्णय के लिए मामले को नियमित पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।
Updated 22:17 IST, October 18th 2024