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Published 23:14 IST, December 3rd 2024

वर्ष 2023-24 में किए गए परीक्षणों में 282 दवाएं मिलावटी मिलीं: केंद्र

सरकार ने संसद में कहा कि अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच जांच के दौरान 2,988 दवा नमूने मानक गुणवत्ता के नहीं मिले जबकि 282 नमूने नकली या मिलावटी पाए गए।

Representational image of medicines | Image: PTI

सरकार ने मंगलवार को संसद में कहा कि अप्रैल 2023 से मार्च 2024 के बीच जांच के दौरान 2,988 दवा नमूने मानक गुणवत्ता के नहीं मिले जबकि 282 नमूने नकली या मिलावटी पाए गए।

स्वास्थ्य राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने एक सवाल के लिखित जवाब में राज्यसभा को बताया कि इस अवधि के दौरान 1,06,150 दवा नमूनों का परीक्षण किया गया और नकली या मिलावटी दवाओं के निर्माण, बिक्री और वितरण के लिए 604 अभियोजन शुरू किए गए।

उन्होंने कहा कि देश में दवा निर्माण परिसरों के विनियामक अनुपालन का आकलन करने के लिए, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने राज्य औषधि नियंत्रकों के साथ मिलकर दिसंबर 2022 से दवा निर्माण फर्मों का जोखिम-आधारित निरीक्षण शुरू किया है।

उन्होंने कहा कि अब तक 500 से अधिक परिसरों का जोखिम आधारित निरीक्षण किया जा चुका है। निरीक्षणों के निष्कर्षों के आधार पर, राज्य लाइसेंसिंग अधिकारियों द्वारा औषधि नियम 1945 के प्रावधानों के अनुसार कारण बताओ नोटिस जारी करने, उत्पादन रोकने के आदेश, निलंबन, लाइसेंस या उत्पाद लाइसेंस रद्द करने जैसी 400 से अधिक कार्रवाइयां की गई हैं।

उन्होंने कहा कि विभिन्न कंपनियों की उन दवाओं जोकि मिलावटी या मानक गुणवत्ता की नहीं होती हैं, उनकी सूची नियमित रूप से अपलोड की जाती है और केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की वेबसाइट पर उपलब्ध होती है

स्वास्थ्य राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने एक सवाल के जवाब में कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने बताया कि नवजात मृत्यु दर को राष्ट्रीय स्वास्थ्य अनुसंधान प्राथमिकता के रूप में पहचाना गया है और उसने नवजात शिशुओं और बच्चों के स्वास्थ्य पर कई प्रमुख शोध परियोजनाएं शुरू की हैं।

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Updated 23:14 IST, December 3rd 2024

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