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Published 18:15 IST, September 11th 2024

कश्मीर के लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार,अब्दुल्ला परिवार सबसे बड़ा गद्दार- इंजीनियर राशिद

इंजीनियर राशिद ने जमानत पर आते ही अब्दुल्ला परिवार पर करार हमला किया। उन्होंने कहा- 'कश्मीर का सबसे बड़ा गद्दार शेख अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला है

Reported by: Digital Desk
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Engineer Rashid releases from Tihar Jail | Image: ANI

Engineer Rashid bail: जम्मू-कश्मीर टेरर फंडिंग मामले में आरोपी और बारामूला के सांसद इंजीनियर राशिद तिहाड़ जेल से बाहर आए हैं। दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने सांसद इंजीनियर राशिद को जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में प्रचार करने के लिए 2 अक्टूबर, 2024 तक अंतरिम जमानत दे दी है। तिहाड़ जेल से बाहर आते ही बारामूला सांसद ने अब्दुल्ला परिवार को कश्मीर का सबसे बड़ा गद्दार करा दिया। उन्होंने बताया कि हम अपनी धरती (जम्मू-कश्मीर) के लिए कोई भी कुर्बानी देने के लिए तैयार हैं।

इंजीनियर राशिद ने जमानत पर आते ही बीजेपी और अब्दुल्ला परिवार पर करार हमला किया है। उन्होंने कहा कि 'कश्मीर का सबसे बड़ा गद्दार शेख अब्दुल्ला, फारूक अब्दुल्ला और उसके बाद उमर अब्दुल्ला है। मेरी लड़ाई लोगों के लिए है, वो (उमर अब्दुल्ला) आज वोट के लिए बाहर आए हैं। उमर साहब साढ़े पांच साल में क्या एक बार मुझसे मिलने आएं? उन्होंने लोगों की बात की होती तो, जेल से लोगों को चुनाव नहीं लड़ना पड़ता।' खुदको को निर्दोष बताते हुए इंजीनियर राशिद ने कहा कि 'हम अपने राजनीतिक अधिकारों से समझौता नहीं करेंगे। समय तय करेगा, मैं निर्दोष हूं।'

उमर अब्दुल्ला को दी थी पटखनी

इंजीनियर राशिद के नाम से मशहूर शेख अब्दुल राशिद की नियमित जमानत याचिका पर अभी आदेश आना बाकी है। इंजीनियर राशिद ने जेल में रहते हुए निर्दलीय लोकसभा का चुनाव लड़ा था। उन्होंने बारामूला से जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को पटखनी दी थी। अब राशिद के नेतृत्व वाली अवामी इत्तेहाद पार्टी जम्मू-कश्मीर में चुनाव लड़ने जा रही है। उनके भाई खुर्शीद अहमद शेख भी लंगेट सीट से चुनावी मैदान में हैं। जम्मू-कश्मीर में तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को विधानसभा चुनाव होने हैं। राशिद ने विधानसभा चुनाव में प्रचार करने के लिए अंतरिम जमानत पर बाहर आए हैं।

2019 से तिहाड़ जेल में बंद

इंजीनियर राशिद को 2017 में आतंकी फंडिंग के आरोप में UAPA के तहत NIA ने गिरफ्तार किया था। इसके बाद 2019 से वो दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद हैं, अब उन्हें 2 अक्टूबर तक अंतरिम जमानत मिली है। टेरर फंडिंग मामले में इंजीनियर राशिद का नाम कश्मीरी व्यवसायी जहूर वटाली की जांच के दौरान आया था। जिसके बाद NIA ने आतंकवादी संगठनों और अलगाववादियों को कथित तौर पर मदद पहुंचने के आरोप में गिरफ्तार किया था। इंजीनियर राशिद के अलावा इस मामले में यासीन मलिक, लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और हिजबुल मुजाहिदीन के सैयद सलाहुद्दीन समेत कई लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। इस मामले में यासीन मलिक को 2022 में आजीवन कारावास की सजा हुई थी।

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Updated 19:17 IST, September 11th 2024

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