Published 17:38 IST, September 16th 2024

उमर अब्दुल्ला के अफजल गुरु वाले बयान पर शाह का पलटवार, बोले- इनकी सरकार बनी तो फिर गोलियां चलेंगी

अमित शाह ने कहा कि उमर अब्दुल्ला कहते हैं, अफजल गुरु को फांसी नहीं देनी चाहिए। यही बताता है कि राहुल गांधी व उमर अब्दुल्ला की सरकार बनी तो क्या होगा?

Reported by: Digital Desk
Edited by: Deepak Gupta
Follow: Google News Icon
  • share
Amit Shah | Image: X-@bjp4India
Advertisement

Jammu and Kashmir assembly elections: जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आती जा रही है, नेताओं की बयानबाजी भी धारदार होती जा रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने किश्तवाड़ में एक रैली को संबोधित करते हुए नेशनल कांन्फ्रेंस और कांग्रेस पार्टी पर तीखा हमला बोला।

शाह ने उमर अब्दुल्ला के 'अफजल के फांसी' वाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा, “उमर अब्दुल्ला कहते हैं, अफजल गुरु को फांसी नहीं देनी चाहिए। यही बताता है कि राहुल गांधी व उमर अब्दुल्ला की सरकार बनी तो क्या होगा?  फिर से गोलियां चलेंगी, फिर से पथराव होगा, फिर से आतंकवादियों के जनाजे निकलेंगे, फिर से ताजिया का जुलूस बंद हो जाएगा, फिर से सिनेमा हॉल बंद हो जाएंगे, फिर से अमरनाथ यात्रा पर हमला होगा और जम्मू-कश्मीर में ये जो निवेश आ रहा है, इसकी जगह बेरोजगारी होगी।”

Advertisement

कश्मीर में कभी भी दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो झंडे नहीं हो सकते- शाह

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, “NC और कांग्रेस कहती है कि अगर उनकी सरकार बनी तो वे अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करेंगे। क्या अनुच्छेद 370 वापस होना चाहिए? पहाड़ी और गुर्जर भाइयों को जो आरक्षण मिलता है, अनुच्छेद 370 बहाल होने पर वह नहीं मिल पाएगा। मैं कश्मीर का माहौल देख रहा हूं, न तो फारूक अब्दुल्ला और न ही राहुल गांधी यहां सरकार बना रहे हैं। अनुच्छेद 370 अब इतिहास का हिस्सा बन चुका है। भारत के संविधान में अनुच्छेद 370 के लिए कोई जगह नहीं है। कश्मीर में कभी भी दो प्रधानमंत्री, दो संविधान और दो झंडे नहीं हो सकते। वहां केवल एक झंडा होगा और वह हमारा तिरंगा है।”

Advertisement

कांग्रेस के गलत निर्णय के कारण जब भारत का विभाजन हुआ- शाह

शाह ने कहा, "किश्तवाड़ की ये भूमि ​बलिदानियों की भूमि है। कांग्रेस की गलत निर्णय के कारण जब भारत का विभाजन हुआ तो रियासत जम्मू कश्मीर कहां जाएगी, इसका फैसला करने में नेहरू की शेख-परस्त नीतियों के कारण बड़ी देर हुई। जब-जब जम्मू-कश्मीर पर संकट आया, किश्तवाड़ के लोग बलिदान देने में पीछे नहीं हटे। 1990 के आतंकवाद के दौरान सुरक्षा बलों के साथ मिलकर यहां का हर नागरिक लड़ा और आतंकवाद को समाप्त करने में अपना योगदान दिया।"

Advertisement

इसे भी पढ़ें: 100 दिनों तक हर अपमान को क्यों पीते रहे PM? गुजरात की धरती पर खोला राज
 

17:29 IST, September 16th 2024