पब्लिश्ड 17:04 IST, September 21st 2024
विनेश फोगाट ने बदला अवतार, 'देहाती बहू' के रूप में चुन्नी से सिर ढककर जुलाना में मांग रही हैं वोट
विनेश फोगाट ग्रामीण मतदाताओं की पारंपरिक भावनाओं को ध्यान में रखकर वोट मांग रही हैं। उन्हें हरियाणा के गांवों में चुन्नी से सिर ढककर वोट मांगते देखा जा सकता है।
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Vinesh Phogat : विनेश फोगाट अपने ससुराल से राजनीति का अध्याय शुरू किया है। कुश्ती के अखाड़े को छोड़कर सियासत के मैदान में उतरीं विनेश फोगाट जुलाना से कांग्रेस की कैंडिडेट हैं। पेरिस ओलंपिक में भले को मेडल से चूक गईं, लेकिन राजनीति में फतह के लिए उन्होंने पूरी ताकत लगा दी है। विनेश फोगाट ससुराल से चुनाव लड़ रही हैं तो अपना अवतार बदलकर 'देहाती बहू' का रूप ले लिया है।
पहलवान से नेता बनीं विनेश फोगाट ग्रामीण मतदाताओं की पारंपरिक भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वोट मांगने जा रही हैं। उन्हें हरियाणा के गांवों में प्रचलित 'चुन्नी' से सिर ढककर वोट मांगते देखा जा सकता है। एक तरीके से विनेश फोगाट खुद को 'जुलाना की बहू' के तौर पर पेश कर रही हैं।
जुलाना से विनेश फोगाट का रिश्ता
अपने सार्वजनिक संबोधनों में वो कहती नजर आती हैं कि, 'मैं इस जमीन की बहू हूं और इसे कभी नहीं छोडूंगी।' वो इस क्षेत्र से अपने जुड़ाव पर जोर दे रही हैं। विनेश का ससुराल जुलाना विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है। उनके पति सोमबीर राठी जुलाना के पास बख्ता खेड़ा गांव से हैं। राठी का परिवार अब सोनीपत में बस गया है, जबकि विनेश का परिवार चरखी दादरी जिले के बलाली गांव से है।
विनेश फोगाट को जुलाना में कौन दे रहा है टक्कर?
कांग्रेस राज्य में जाट समुदाय को अपने पक्ष में करने के लिए विनेश फोगाट से उम्मीद कर रही है। जुलाना से विनेश की पहली राजनीतिक लड़ाई काफी महत्वपूर्ण है, जो एक एक तरीके से ओलंपिक में उनके मुकाबलों की तरह है। विनेश के खिलाफ जुलाना में बीजेपी ने पेशेवर पायलट योगेश बैरागी को उतारा है। आम आदमी पार्टी से कविता दलाल हैं, जो WWE में प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली भारतीय पेशेवर महिला पहलवान हैं। जननायक जनता पार्टी के मौजूदा विधायक अमरजीत सिंह ढांडा और इनेलो के सेवानिवृत्त उप आबकारी और कराधान आयुक्त सुरेंद्र लाठर चुनाव लड़ रहे हैं।
जुलाना की लड़ाई विनेश के लिए आसान नहीं!
जाटों के साथ-साथ किसान, महिला और युवाओं के बीच लोकप्रियता के बावजूद विनेश फोगाट के लिए जुलाना की लड़ाई आसान नहीं है। जुलाना जाट बहुल क्षेत्र है और ये इंडियन नेशनल लोक दल (इनेलो) और जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) जैसी क्षेत्रीय पार्टियों का गढ़ रहा है। 15 साल पहले कांग्रेस ने ये सीट गंवाई। तभी से इस सीट पर इनेलो और जेजेपी का कब्जा रहा है। 2009 और 2014 में इनेलो के परमिंदर सिंह ने विधानसभा सीट जीती थी, जबकि 2019 में जेजेपी के अमरजीत ढांडा ने जीत दर्ज की।
अपडेटेड 17:04 IST, September 21st 2024