अपडेटेड 13:26 IST, January 30th 2025
दिल्ली की वो मुस्लिम बाहुल्य सीटें, जहां असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री खराब कर रही कांग्रेस-AAP का खेल! समीकरण समझिए
Delhi Elections: दिल्ली की मुस्लिम बाहुल्य दो विधानसभा सीटों पर असदुद्दीन ओवैसी का फोकस है, जिसमें एक ओखला सीट और दूसरी मुस्तफाबाद सीट शामिल है।
![Asaduddin owaisi](https://img.republicworld.com/all_images/asaduddin-owaisi-1738221354448-16_9.webp?w=1280&h=720&q=75&format=webp)
Delhi Elections: दिल्ली विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री से मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर मुकाबला और भी दिलचस्प हो चुका है। हैदराबाद छोड़कर फिलहाल असदुद्दीन ओवैसी दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। लगभग हर दिन राष्ट्रीय राजधानी में उनकी जनसभाएं हो रही हैं। दिल्ली की मुस्लिम बाहुल्य दो विधानसभा सीटों पर असदुद्दीन ओवैसी का फोकस है, जिसमें एक ओखला सीट और दूसरी मुस्तफाबाद सीट शामिल है। यहां AIMIM उम्मीदवारों के उतरने से आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की टेंशन बढ़ चुकी है।
दिल्ली की ओखला और मुस्तफाबाद विधानसभा सीट पर पार्टी का मोर्चा खुद असदुद्दीन ओवैसी संभाल चुके हैं। हालांकि चुनावों के बीच ओवैसी के लिए सबसे बड़ी राहत ये है कि दोनों सीटों से AIMIM के पार्टी प्रत्याशी कस्टडी पैरोल पर जेल से छूट चुके हैं। पहले मुस्तफाबाद से कैंडिडेट ताहिर हुसैन को कस्टडी पैरोल मिली और फिर ओखला से प्रत्याशी शफाउर रहमान खान भी जेल से बाहर आकर प्रचार कर पाएंगे। इससे दूसरी राजनीतिक पार्टियों के समीकरण बिगड़ने लगे हैं।
ओखला में किसका गणित बिगड़ेगा?
दिल्ली की ओखला विधानसभा मुस्लिम बाहुल्य सीट है। इस क्षेत्र में लगभग 50 फीसदी से अधिक मुस्लिम रहते हैं। इसीलिए यहां मुस्लिम उम्मीदवारों को ही जीत मिल पाती है। 1993 के बाद से यहां मुस्लिम उम्मीदवारों का कब्जा रहा है और भारतीय जनता पार्टी यहां एक बार भी नहीं जीत पाई है। 10 साल से आम आदमी पार्टी का यहां दबदबा रहा है और उसके पहले कांग्रेस यहां से जीतती रही। यहां कांग्रेस-आम आदमी पार्टी के बीच मुख्य मुकाबला माना जा रहा था, लेकिन ओवैसी ने यहां उम्मीदवार उतारकर समीकरण बदल दिए हैं। कांग्रेस से अरीबा खान हैं तो AAP से अमानतुल्लाह खान को टिकट मिला, जबकि ओवैसी ने दिल्ली दंगों के आरोपी शफाउर रहमान खान को टिकट थमाया है और अपने इस प्रत्याशी के लिए ओवैसी खुद प्रचार कर रहे हैं। मसलन यहां मुस्लिम वोटों का बंटवारा होने से कांग्रेस और AAP दोनों की टेंशन बढ़ चुकी है।
मुस्तफाबाद सीट पर भी ओखला जैसी स्थिति
ओखला की तर्ज पर मुस्तफाबाद में भी मुस्लिम विधायक का संभावना अधिक है। मुस्तफाबाद में 35 फीसदी से मुस्लिम वोटर्स बताए जाते हैं। पहले करावल नगर विधानसभा का हिस्सा रही ये सीट 2008 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आई। फिलहाल ओखला की तरह यहां भी 3 मजबूत मुस्लिम चेहरे हैं, जिनमें कांग्रेस से अली मेंहदी, AAP से आदिल अहमद खान और AIMIM से ताहिर हुसैन खड़े हैं। बीजेपी ने इस सीट से मोहन सिंह बिष्ट को उतारा है। फिलहाल मुस्लिम चेहरों की लड़ाई में ताहिर हुसैन कांग्रेस और AAP के प्रत्याशियों पर भारी पड़ते दिख रहे हैं।
पब्लिश्ड 12:46 IST, January 30th 2025