पब्लिश्ड 16:41 IST, January 7th 2025
Delhi Election: अरविंद केजरीवाल के वो 10 वादे, जो 10 साल की सत्ता में भी नहीं हुए पूरे
दिल्ली में चुनावी बिगुल बज गया है। 5 फरवरी को मतदान और आठ को मतगणना होनी है। ऐसे में जानते हैं वो 10 वादे जो अरविंद केजरीवाल 10 साल में पूरे नहीं कर पाए।
- चुनाव
- 3 min read
Delhi Assembly Election 2025: दिल्ली में विधानसभा चुनाव का बिगुल बज गया है। देश की राजधानी दिल्ली की 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए 5 फरवरी को मतदान होगा, जबकि मतों की गिनती तीन दिन बाद 8 फरवरी को होगी। विधानसभा की 70 सीटों में 58 सामान्य और 12 सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं। दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल 23 फरवरी को खत्म हो रहा है। निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया।
दिल्ली में इस बार आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी ( BJP ) के टक्कर मानी जा रही है। दिल्ली की गद्दी पाने के लिए अरविंद केजरीवाल ने 11 साल पहले जनता से कई बड़े-बड़े वाले किए थे। इन वादों के दम पर उनकी पार्टी चुनाव जीती थी। 2020 के चुनाव में फिर बड़े-बड़े सपने दिखाए। दिल्ली की सत्ता में 11 साल रहने के बाद भी केजरीवाल अपने वादे पूरे नहीं कर पाए हैं। केजरीवाल के ऐसे वादों की लिस्ट लंबी है, जो अभी तक पूरे नहीं हुए हैं।
केजरीवाल के 10 वादे
दिल्ली में 10 साल सरकार चलाने के बाद अब जनता अरविंद केजरीवाल से उनके वादों का हिसाब मांगने लगी है। उनके किए वादों पर सवाल-जवाब होने लगे हैं।
- दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने का वादा - इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
- सड़कों को यूरोपियन स्टैंडर्ड पर बनाना - टूटी-फूटी सड़कें और बारिश में जलभराव
- यमुना साफ करना चाहता हूं - यमुना में कोई सुधार नहीं
- घर-घर में 24 घंटे साफ पानी आए - अधिकतर इलाकों में लोग पानी खरीदने को मजबूर
- दिल्ली को प्रदूषण मुक्त करने का वादा - दिल्ली की हवा अधिक जहरीली हुई
- भ्रष्टाचार मुक्त सरकार का दावा - भ्रष्टाचार के आरोप में खुद ही जेल गए
- आम आदमी की तरह रहने का वादा - सीएम के बंगले पर करीब 50 करोड़ खर्च
- लोकपाल बिल लागू करने का वादा - इसे लागू नहीं किया
- कचरे का पहाड़ हटाएंगे - गाजीपुर में आज भी कचरे का पहाड़
- किसी राजनीतिक दल से समझौता नहीं करेंगे - कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ा
अरविंद केजरीवाल ने खुलकर कबूला सच
दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिसंबर, 2024 में ये बात स्वीकार की थी कि वो अपने तीन वादों पूरा नहीं कर पाए। अच्छी सड़कें, यमुना की सफाई और 24 घंटे साफ पानी का वादा पूरा नहीं होने के पीछे उन्होंने कोरोना और जेल जाना कारण बताया था। उन्होंने अपने वादे पूरा करने के लिए जनता से फिर से जिताने की अपील की है।
2020 में AAP को मिली 62 सीट
दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच मुकाबला माना जा रहा है। दिल्ली विधानसभा में बहुमत के लिए 36 विधायकों की आवश्यकता है। साल 2020 के विधानसभा चुनाव के तहत 8 फरवरी को मतदान संपन्न हुआ था जबकि मतगणना 11 फरवरी को हुई थी। इस चुनाव में आप ने सभी 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे, जिसमें से 62 ने जीत दर्ज की थी। इस प्रकार AAP ने भारी बहुमत से जीत दर्ज कर सरकार बनाई थी।
कांग्रेस का नहीं खुला था खाता
इस चुनाव में बीजेपी ने 67 सीटों पर उम्मीदवार उतारे और उसे महज आठ ही सीट पर सफलता मिल सकी। कांग्रेस सहित अन्य दलों का खाता भी नहीं खुल सका था। इससे पहले, साल 2015 के विधानसभा चुनाव में भी AAP ने प्रचंड बहुमत हासिल किया था। अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में पार्टी को 70 में से 67 सीटों पर जीत हासिल हुई थी। बीजेपी को महज तीन सीटों से ही संतोष करना पड़ा था, जबकि कांग्रेस और अन्य दलों का खाता तक नहीं खुला था। साल 2014 से अब तक हुए तीनों लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने दिल्ली की सभी सात सीटों पर कब्जा जमाया हुआ है।
अपडेटेड 16:50 IST, January 7th 2025